डायबिटीज अर्थात मधुमेह को किसी समय में अनुवांशिक स्वस्थ्य समस्या समझा जाता था परन्तु तेज़ी से हुए पर्यावरणीय बदलावों एवं मनुष्य के खान-पान की बदलती हुई जीवनशैली ने मधुमेह को जीवन में सर्वोच्च स्तर की बीमारी का एक व्यापक रूप प्रदान किया है जो की नाक़ाबिले तारीफ है। मधुमेह से ग्रसित लोगो के लिए यही समस्या का अंत नहीं है की वह मधुमेह से ग्रसित हैं वाकई में ये समस्या उससे भी बड़ी है। परन्तु अपनी इस जीवनशैली को स्वस्थ्य रूप से सुचारु रखने के लिए इंसान को अपने खान-पान की जीवनशैली को सुधारने की अत्यंत आवयशकता है।
तो आइये बात करते हैं की किस तरह अपने जीवन को स्वस्थ्य बनाया जाये एवं मधुमेह जैसी समस्या एवं बीमारियों से निपटा जा सके।मधुमेह आजकल की जीवनशैली समस्या में सबसे ऊपर हैं। यह घातक रोगो में से एक है आप इस रोग का उपचार एक मधुर जीवनशैली अपनाने से कर सकते हैं,जिसमे प्रायः आपको स्वस्थ्य और स्वच्छ खाने की आदतें अपनी जीवनशैली में निरंतर रूप से अपनानी चाहिए।लोगो के लिए ये जान लेना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है कि मधुमेह कोई बीमारी नहीं है यह अभाव है सन्तुलित आहार से दुरी बनाये रखने का एवं अनुचित जीवनशैली को अपनाने का इसलिए आप लोगो की अपनी जीवनशैली में संतुलित आहार को शामिल करना चाहिए ताकि व्यक्ति अपनी स्वस्थ्य जिंदगी का यापन स्वस्थ्य जीवनशैली के साथ कर सके.
1) स्वास्थ्यप्रद कार्ब्स एवं फाइबर का चुनाव : सभी कार्ब्स रक्त ग्लूकोस को प्रभावित करते हैं इसलिए यह जान लेना महत्वपूर्ण है कि आपको किस तरह के कार्ब्स को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए ताकि आप स्वास्थ्यप्रद आहार लेकर एक स्वस्थ्य जीवनशैली के साथ मधुमेह जैसी घातक बीमारी से बच सकें। फल, सब्जियाँ, दालें, शुगर फ्री दही एवं डेरी उत्पाद एक अच्छा स्त्रोत हो सकते है। इसके साथ ही कम फाइबर वाले खाने जैसे सफ़ेद ब्रेड, सफ़ेद चावल में आपको कटौती करनी चाहिए एवं अधिक फाइबर वाले आहर आपको अपनी आहार प्रणाली में शामिल करने चाहिए।
2) कम नमक वाला आहार:बहुत अधिक मात्रा में नमक खाने से आपको उच्च रक्तचाप की बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं एवं हृदय सम्बन्धित बीमारियों भी आपको पकड़ सकती हैं, और यदि आपको मधुमेह है तो ये भी आपके लिए जानलेवा है। आपको अपने आहार मे प्रतिदिन 6 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए क्यूंकि आप अन्य पैक्ड खाद्य पदार्थो में नमक का सेवन कर ही लेते हैं।
3) लाल एवं प्रसंस्कृतरहित मीट: अगर आप कार्ब्स काम कर रहे हैं तो आपको उसकी कमी पूरी करने के लिए मीट का सेवन शुरू कर देना चाहिए परन्तु आपको यह भी ध्यान में रखना चाहिए की आपको लाल प्रसंस्कृत मीट के सेवन से भी बचना चाहिए क्यूंकि ये आपकी स्वस्थ्य जीवनशैली को प्रभावित कर सकते हैं। परन्तु आप लाल मीट को दालों, अंडो, मछली, एवं बिना नमक वाले बादाम एवं मूंगफलीके सेवनसेप्रतिस्थापित भी कर सकते है।
4) फलो का सेवन:फलों का सेवन नियमित रूप से अपने नाश्ते में करने से आपको एक उचित स्वस्थ्य जीवनशैली का निर्माण करने में मदद मिलती है। यह आपके शरीर को स्वस्थ्य रखने में एवं आपके शरीर को हर दिन विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर प्रदान करता हैतो आपको मधुमेह जैसी अस्वस्थ्य जीवनशैली को स्वस्थ्य जीवनशैली में बदलने के लिए फलो का सेवन अपनी आहार प्रणाली में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। यदि आप ये कहते हैं की कई फलो में शुगर होता है तो क्या वह नुकसानदायक तो नहीं तो इसका जवाब अवश्य ही ना होगा क्यूंकि वो कृत्रिम शुगर नहीं है वो प्राकृतिक शुगर है।
5) स्वस्थ्य वसा का चयन : हम सभी को प्रायः अपने आहार में वसा की जरुरत पड़ती हैक्यूंकि वसा हमें शक्ति प्रदान करता है। परन्तु वसा में भी चयन करना चाहिए कि किस तरह का वसा हमारे शरीर के लिए स्वास्थ्यप्रद हो सकता है। सेहतमंद फैट्स अनसाल्टेड नट्स, अवोकाडो, एवं सूरजमुखी के तेल में पाए जाते हैं। कुछ संतृप्त वसा आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ा सकता है जिससे आपको हृदय संबंधी बीमारियां हो सकती हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए वसा के चयन को लेकर तत्पश्चात आप एक स्वस्थ्य मधुमेह जीवनशैली का नियमन कर सकते हैं। आपको तेल का इस्तेमाल भी कर देना चाहिए इसलिए ग्रील करके खाद पदर्थो का सेवन करना उचित रहता है।
6) शुगर रहित आहार एवं पदार्थो का सेवन: शुरू में चीनी को नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो सकता है इसीलिए प्रारम्भ में धीरे धीरे शुगर को अपनी जीवनशैली से दूर ले जाए और छोटे छोटे अन्तराल पर शुगर को विराम दे ताकि आप अदि हो सके ऐसी जीवनशैली के और आपको मुश्किल न हो। मीठे पेय पदार्थ, एनर्जी ड्रिंक्स, एवं शुगरयुक्त पदार्थो से दूरी बनाये रखना उचित हो सकता है।
7) स्नैक्स के साथ स्मार्टनेस: यदि आप स्नैक्स के आदि हैं या आप बिना स्नैक्स लिए नहीं रह पाते हैं तो आपको अपने स्नैक्स को लेकर काफी चयनित एवं स्मार्ट हो जाना चाहिए। आपको अपने स्नैक्स में नट्स, सीड्स, ओट्स एवं फलो को शामिल करना चाहिए एवं चिप्स, बिस्किट्स, चॉकलेट्स से पूरी तरह से बचना चाहिए ताकि आप स्वस्थ्य जीवनशैली का यापन कर सकें।
8) शारीरिक व्यायाम एवं खेल कूद : आप अपनी जीवनशैली में काफी चीज़ो को सिरे से नकार देते हैं एवं अस्वस्थ्य जीवनशैली से लुप्त हो जाते हैं जो आपको मानसिक एवं शारीरिक तौर पर काफी बीमार कर देने का मुख्य कारण हो सकता है। उन सभी नकारी हुई चीज़ो में से एक है व्यायाम एवं खेल कूद जिसे आजकल काफी अनदेखा किया जाता है परन्तु हम भूल जातें है यह शरीर भी कई पुर्जो से मिलकर बना है जिसे ईंधन की जरूरत भी है एवं स्वयं को स्वस्थ्य रखने के लिए व्यायाम की भी जरूरत है तो स्वस्थ्य जीवनशैली में ये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आप दैनिक तौर पर शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लें एवं खुद की शारीरक रूप से मजबूत बनाएं। यह आपको मधुमेह के प्रभंदन में मदद कर सकता है और हृदय सम्बन्धी समस्याएँ भी कम करता है क्यूंकि यह आपकी मांसपेशियों द्वारा उपयोग किये जाने वाले ग्लूकोस की मात्रा को बढ़ाता है और शरीर में इन्सुलिन का नियमित करता है।
एक सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की शारीरक गतिविधि एवं व्यायाम को आपको अपनी जीवनशैली में सुचारु रूप से शामिल करना चाहिए। आप मिश्रित तौर पर विभिन्न तरह के व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं एवं इस उभरती हुई खतरनाक मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित कर सकते हैं।