कीटो आहार से संबंधित मिथक
पिछले कुछ वर्षो में विभिन्न तरह की आहार प्रणालियाँ जीवनशैली को स्वस्थ्य बनाये रखने के लिए काफी प्रचलन में आयी हैं उनमे से एक है केटोजेनिक आहार परन्तु इससे सम्बंधित कुछ मिथक भी प्रचलित हुए हैं जो की काफी प्रचलित होने के साथ साथ पूर्ण रूप से गलत भी हैं तो आइये बात करते है।
- मिथक -कीटो आहार चर्बी का कारण है :- हमारा शरीर हमारे द्वारा खाये गए खाद्य पदार्थो को विभिन्न तरह के ऊर्जा के स्त्रोतों में प्रयोग करने में सक्षम होता है फिर चाहे शरीर का तापमान बनाये रखने की बात हो या फिर बीमारियों से उभरने के लिए लगने वाली आंतरिक शक्ति की।तो फिर ये सोचना कतई उचित नहीं है कि यदि हम वसा का सेवन करते हे तो वो खाद्य पदार्थ शरीर में सिर्फ वसा के रूप में ही जमा होगा।केटोजेनिकआहार आपके शरीर में वसा नहीं बनने देता क्यूंकि उस दौरान आप कीटो आहार का पालन कर रहे होते हैं। आप अपने शरीर को कैटोसिस अवस्था में रख सकते हैं , कम कार्ब खाने के बाद आपका शरीर कार्बोहड्रेट को आसानी से उपयोग नहीं कर पायेगा जो की सामान्यतः ऊर्जा के लिए ग्लूकोस में परिवर्तित हो जाते हैं। इसके पश्चात आपका शरीर आपके शरीर में मौजूद वसा को तोड़कर ऊर्जा और शक्ति में बदल देगा जो की कैटोन्स कहलाता है, और ग्लिसरॉल ग्लूकोस में परिवर्तित हो जायेगा जो आपका शरीर में रक्तशर्करा एवं लाल रुधिर कोशिकाओं को ईंधन की तरह मदद करेगा।
कई लोग इस आहार जो की कीटो पर आधारित है को शरीर के लिए उचित नहीं मानते क्यूंकि वो जैसे ही वसा का नाम सुनते है उनके दिमाग में सिर्फ वसा (Fat) एक बीमारी की तरह घूमने लगता है। वैसे आपकी जानकारी के लिए ये भी जानना जरूरी है की संतृप्त वसा(Fat) हृदय सम्बन्धी रोगो का कारण नहीं है।
- मिथक- उच्च प्रोटीनयुक्त आहार : आप लोगो के लिए ये जान लेना अत्यंत आवश्यक है की एटकिन्स आहार और केटोजेनिक आहार प्रणाली में अंतर है, कई बार लोग एटकिन्स आहार को ही केटोजेनिक आहार मान लेते है और ये बात भी सिर्फ एटकिन्स आहार का पालन करने वालो को ध्यान में रखना चाहिए की उन्हें उच्च प्रोटीनयुक्त आहार लेना आवश्यक हैं न की कीटो आहार का पालन करने वाले लोगो को। केटोजेनिक आहार वालो के लिए सामान्य मात्रा में प्रोटीन लेना भी उचित रहता हे हालाँकि जो लोग बॉडी बिल्डिंग करते हे उन्हें थोड़ा ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लेने के लिए वो भी नियमित तौर पर कितना ग्राम लेना हैं कब लेना हैं बताया जाता हैं।
जो लोग इस आहार दिनचर्या का पालन करते हैं उनके लिए सबसे अच्छा हैं की वो कीटो मैक्रो कैलकुलेटर का प्रयोग कर अपनी प्रोटीन की मात्रा को नियमित रूप से ले सकते हैं।
- मिथक – केटोजेनिक आहार बिना माँस खाये नहीं की जा सकती– आपने अभी तक विभिन्न तरह के मिथक केटोजेनिक आहार प्रणाली के बारे में सुने होंगे परन्तु उनमे से अब तक जो सबसे बड़ा मिथक हैं वो यही हैं की कीटो आहार में आपको मांस का सेवन करना ही पड़ता हैं। न जाने ऐसे कितने ही शाकाहारी लोग हैं जो इस केटोगेनिक आहार की दिनचर्या का सुचारु रूप से पालन कर रहे हैं। सामान्य तौर पर कीटो आहार का पालन करने वाले लोगो को दिन में 20 ग्राम कार्ब्स के लिए सुझाया जाता हैं परन्तु जोलोग शाकाहारी हैं उन्हें कार्ब्स की थोड़ी ज्यादा मात्रा (30-40 ग्राम) के लिए सुझाया जाता हैं। एवोकैडो, नारियल तेल एवं बादाम आदि एक शाकाहारी के लिए एक अच्छा वसा का स्त्रोत हैं।
यदि आप शाकाहारी तो याद रखिये आपको अच्छी मात्रा में हरी सब्ज़ियों का सेवन करना चाहिए जो की आपके शरीर को रेशा एवं पोषक( Fibre and nutrients) तत्त्व प्रदान करते हैं।
- मिथक- कीटो आहार गुर्दें एवं थाइराइड के लिए उचित नहीं – जिन्हे हाइपोथायरायडिज्म एवं अधिवृक्क संबन्धी पीड़ा हैं ऐसे लोगो को भले ही कीटो आहार का पालन करने से मना कियाजाता हैं। परन्तु इस आधार पर ये कह देना कीटो आहार गुर्दें एवं थाइराइड के लिए उचित नहीं, बिल्कुल भी उचित नहीं होगा। आपके पोषण योजना में केतोगेनिक सिद्धांतों को शामिल करने से आप ऐसी बीमारियों से छुटकारापासकते हैं।
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से आप थाइराइड एवं एड्रेनल सम्बन्धी मुद्दों में लाभ उठा सकते हैं।
- दीर्घकालिक सूजन और जलन से छुटकारा पाने में केटोजेनिक आहार आपके लिए काफी हद्द तक लाभदायक हो सकती हैं।
- ऐसा भी माना जाता हैं की केटोगेनिक आहार को दिनचर्या में शामिल करने से शरीर में ये आहार प्रणाली माइटोकॅन्ड्रियाकार्य को बढ़ावा देता हैं।
तो कुल मिलाकर ये कहा जा सकता हैं की गुर्दें एवं थाइराइड सम्बन्धी बीमारियों को शरीर से दूर रखने में कीटो आहार की मदद ली जा सकती हैं जबकि लोग ये मिथक में विश्वास रखते हैं की कीटो आहार गुर्दें एवं थाइराइड के लिए उचित नहीं जो की बिल्कुल गलत हैं।
- मिथक – कीटो आहार का पालन करना मुश्किल हैं – ये भी कीटो आहार प्रणाली से जुड़ा सबसे बड़ा मिथक हैं। आप किसी भी तरह की आहार प्रणाली को अपनी दिनचर्या में शामिल करेंगे तो शुरुआती दौर आपके लिए अवश्य ही थोड़ा सा मुश्किल हो सकता हैं और ये सिर्फ केटोजेनिक आहार प्रणाली में नहीं सभी तरह की प्रणाली में सामान्य हैं, इसका मतलब कतई ये नई हो सकता की कीटो आहार प्रणाली एक मुश्किल आहार प्रणाली हैं।
यदि आप खान-पान के शौकीन हैं तो आपको थोड़ा सा शुरुआती प्रभाव देखने को मिल सकता हैं परन्तु आप इसके लिए भी वैकल्पिक तौर से कीटो आहार का पालन कर सकते हैं जो की आपके लिए आसान हो सकती हैं।
परन्तु ये कह देना की केटोजेनिक आहार को दिनचर्या में शामिल करना कतई आसान नहीं या फिर बहुत मुश्किल है सरासर गलत सिद्धांत हैं। एक केटोजेनिक आहार का पालन करने का निर्णय करना जीवन में एक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किसी भी निर्णय की तरह हैं। आप तय कर रहे हैं की आप एक लक्ष्य चाहते है और आपको यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक व्यवहार परिवर्तन करना चाहिए की लक्ष्य पाने के लिए होते हैं ना की डरने के लिए।
केटोजेनिक आहार कई कारणों से फायदेमंद हैं तो आप इन तरह की मिथको से प्रभावित होकर अपने आप को विचलित होने से बचाएं। आप एक नयी जीवनशैली को अपनाने जा रहे हैं यही सोचकर इस फायदेमंद आहार प्रणाली का पालन करे।
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