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प्रेगनेंसी के बाद किस तरह करें बढ़े हुए वजन को नियंत्रित

प्रेगनेंसी के बाद किस तरह करें बढ़े हुए वजन को नियंत्रित

हैलो दोस्तों, इंसटाफिटनेस उम्मीद करता है की आप बिल्कुल  फिट एवं सेहतमंद होंगे। 

 आज हम अपने फिटनेस ब्लॉग में जिसे आप काफी समय से पढ़ते आ रहें हैं, में बात करने वाले हैं महिलाओं से जुड़ी हेल्थ टिप्स के बारे में वैसे तो यह ब्लॉग सिर्फ महिलाओं से ही संबंधित है और यदि आप पुरुष है तो भी यह ब्लॉग आपके लिए काफी फायदेमंद एवं लाभकारी साबित हो सकता है क्यूंकि आपके घर में या फिर आपके आस-पास या आपके साथ काम करने वाली महिलाओं को फिटनेस एवं स्वास्थ्य की जानकारी से अवगत करवाना भी इस समाज में आपकी हिस्सेदारी को दिखाता है एवं आपकी महिलाओं के प्रति उत्तरदायित्वता को भी दर्शाता है। 

 दोस्तों जैसा की हमने अपने ही एक ब्लॉग में बताया था की यदि हमारे समाज की महिलाएं स्वास्थ्य हैं तो हमारा समाज स्वास्थ्य है। दोस्तों, आज हम बात करने वाले हैं कि किस तरह गर्भावस्था के बाद महिलाएं अपने शरीर में आए हुए बदलाव मुख्यता बढ़े हुए वजन को कुछ आसान योग एवं अभ्यास से संतुलित करते हुए एक फिट एवं हेल्दी जिंदगी का आनंद उठा सकती हैं। 

गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के बाद महिलाओ में मुख्यता यह देखा जाता है की उनके वजन में बढ़ोतरी हो जाती है जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है जो की एक स्वास्थ्य एवं फिट जिंदगी के लिए बिलकुल उचित नहीं है।  किसी भी महिला के लिए केवल माँ बनना ही काफी नहीं है, माँ बनने के बाद आपका उत्तरदायित्व और बढ़ जाता हैं तो आपके लिए यह और भी जरुरी है कि आप खुद को किस तरह फिट रखती है एवं माँ बनने का आनंद खुद को फिट रखकर उठाती हैं। आइये हम आपसे साँझा करते  है कुछ ऐसे योग आसन्नों के बारे में जिनकी मदद से आप खुद को फिट रख पाएंगी एवं माँ बनने का आनंद भरपूर उठा पाएंगी।

त्रिकोणासन : हम सब जानते है की हमारी दिनचर्या में योग का होना कितना लाभकारी सिद्ध हो सकता है उनमे से ही एक योग है  “त्रिकोणासन” योग। यह योग मुद्रा जो महिलाएं प्रेगनेंसी के बाद अपने बढ़े हुए वजन पर काबू करना चाहती हैं उनके लिए काफी फायदेमंद एवं लाभकारी हैं। यह आसन आपके शरीर में खून के परिसंचरण यानि की सीधे शब्दो में खून की गति को नियंत्रित करता है। यह आपके शरीर से तनाव को भी दूर रखता है, एवं गुर्दे से संबंधित समस्याओं का निवारण भी इसी योग मुद्रा की मदद से आसान हो जाता है। यह आपकी कमर पर बढ़ते हुए वसा को कण्ट्रोल करता है एवं आपके शरीर की सही आकृति प्रदान करता है। यह पुरे शरीर को एकसमान रूप से लाभ पहुँचाता है, तथा शरीर में एकाग्रता को भी बढ़ाता है।  

पश्चिमोत्तनासन : जैसा की नाम से ही पता चलता है पश्चिम यानि पीछे का भाग अर्थात पीठ। इस आसन  से हमारे शरीर की सभी मांसपेशियों में खिचाव पड़ता है जिसकी वजह से शरीर की सभी मांसपेशियां उचित रूप से काम करने लगती हैं। इस आसान से भी शरीर में रक्त का बहाव सही रूप से होता है जिससे शरीर का ढीलापन एवं आलस्य दूर होता है तथा शरीर में स्फूर्ति पैदा होती है। इस आसान की मदद से पेट पर जमा चर्बी पर भी प्रभाव पड़ता है एवं इस योग मुद्रा को दैनिक रूप से करने पर यह चर्बी पूरी तरह खत्म भी हो जाती है। यह आसन गर्भावस्था से जुडी और भी समस्याओं के लिए समाधान की तरह है।

पर्वतासन्ना : इस योग मुद्रा के भी अनेक फायदे हैं जिनकी मदद से गर्भ के बाद मोटापा बढ़ने वाली महिलायें अपनी समस्याओं को हल कर सकती हैं एवं मोटापे से निजात पा सकती हैं। इस आसन की मदद से फेफड़े साफ़ एवं हेल्दी रहते हैं। इस योग मुद्रा की मदद से पेट की बढ़ती हुई चर्बी को कम किया जा सकता है रीढ़ की हड्डी भी इसी आसन की मदद से मजबूत बनाई जा सकती है। प्रेगनेंसी के बाद जिन महिलाओ के पेट की खाल लटक जाती है उन महिलाओ को यह आसन अवश्य करना चाहिए यह उस चर्बी को कम करने में आपकी अवश्य ही मदद करेगा एवं आपको चौकाने वाले नतीजे दखने को मिल सकते हैं।

मकरासन्न : मकर का अर्थ है मगरमच्छ और आसन का अर्थ मुद्रा है जिस तरह नदी या समुद्र में मगरमच्छ आराम से लेटता है यह भी मुद्रा ठीक वही योग मुद्रा है। मकरासन से सबसे ज्यादा फायदा मस्तिष्क को एकाग्र एवं शांत करने के लिए होता है। इस आसन को करने से कंधे एवं रीढ़ की हड्डियां काफी मजबूत होती हैं। यह आसन शरीर से थकान और दर्द से राहत प्रदान करने में अत्यंत लाभकारी है। यह आसन भी पेट पर जमा चर्बी को कम करने के लिए अत्यंत आवश्यक योग मुद्रा है जिसकी मदद से आप पेट से वसा को कम कर एक सुखद एवं हेल्दी जिंदगी जी सकते हैं। 

भुजंगासन : इस योग मुद्रा को कोबरा मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन महिलाओ के लिए एक वरदान की तरह ही है क्यूंकि यह आसन महिलाओ से जुड़ी  काफी समस्याओं का हल है तो कह सकते है की भुजंगासन महिलाओ के लिए काफी फायदेमंद योग मुद्रा है। इस आसन को करने से पीठ की हड्डी मजबूत होती है।  पाचन तंत्र में भी सुधार होता है एवं मुख्यता पेट पर आयी हुई चर्बी जो की प्रेगनेंसी के बाद का ही एक परिणाम है उसे नियंत्रित करने में भी अत्यंत कारगर है। यह रोगो से लड़ने की क्षमता भी बढ़ता है एवं साँस से जुड़ी  समस्याओं का भी निवारण है।

तो दोस्तों यह था आज का ब्लॉग उम्मीद करते हैं की आपको यह ब्लॉग रोचक एवं फायदेमंद लगा होगा और यदि ऐसा है तो इस ब्लॉग को किसी ऐसी महिला जो प्रेगनेंसी में है के साथ साँझा करें एवं समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाएं। 

धन्यवाद 

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