Ways to stay healthy after 40 in hindi

40 के बाद स्वस्थ्य रहने के सरल तरीके

जिस तरह जन्म एवं मरण जीवन का कटु सत्य है ठीक उसी प्रकार व्यक्ति की उम्र का ढलना भी एक सत्य यथार्थ है, जिसे अनदेखा नहीं किया सकता है। यद्यपि इंसान की उम्र को बढ़ने से रोका नहीं जा सकता परन्तु अपनी तेज़ी से बढ़ती हुई उम्र एवं असमय वृद्धावस्था का सामना इंसान जरूर कर सकता है। व्यक्ति आज अपनी जीवनशैली एवं दिनचर्या में कुछ अच्छे एवं उचित बदलाव के कदम लेकर तेज़ी से बढ़ती हुई उम्र को थोड़ा विराम दे सकता है एवं लम्बे समय तक खुद को हृष्ट-प्रुष्ठ रख सकता है।
ऐसा प्रायः देखा गया है की व्यक्ति अपनी अस्त-व्यस्त जिंदगी में कितना खो गया है, जहाँ उसके पास खुद को देने के लिए समय ही नहीं बचा है जिसकी वजह से वह दिन प्रतिदिन विविध तरह की बीमारियों चाहे फिर वह डिप्रेशन हो या स्वस्थ सम्बन्धी और भी बीमारियों की समस्या से जूझ रहा है, जिसे व्यक्ति को कतई भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
तो आइए, आज हम बात करते हैं की किस तरह इंसान खुद को 40 की उम्र में भी स्वस्थ एवं ऊर्जा से भरा हुआ महसूस कर सकता है, एवं किस तरह एक लम्बी जिंदगी को सुगम एवं सरल तरीको के माध्यम से बिना बीमार हुए आनंद से रह सकता है।

शरीर की जरुरत को पहचानें: युवावस्था में हम अजेय एवं ऊर्जावान महसूस करते हैं, भारी वजनो को आसानी के साथ उठा लेते हैं एवं बिना थके काफी हद तक काम कर सकते हैं, परन्तु बढ़ती हुई उम्र के साथ यह सब थोड़ा मुश्किल हो जाता है, क्यूंकि उस समय तक शरीर की ऊर्जा एवं शरीर की ताक़त की क्षमता उतनी नहीं रह जाती है। हम जवानी में अक्सर निरन्तर शारीरिक गतिविधियों को आसानी से कर लेते हैं, परन्तु बढ़ती हुई उम्र के साथ ये थोड़ा मुश्किल हो जाता है तो आपके लिए यह बहुत जरुरी है, की आप अपने शरीर के क्षमता के हिसाब से व्यायाम एवं अभ्यास करें न की जबरदस्ती शरीर को कुछ करने पर मजबूर करें जो आपके लिए गलत परिणाम का नतीजा बने।

शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान : बढ़ती हुई उम्र के साथ शारीरक एवं मानसिक तौर पर भी मानव शरीर में कई बदलाव देखे जा सकते हैं, परन्तु इन बातो का ध्यान में रखा जाना भी उतना ही ज्यादा जरुरी है जितना की खानपान पर ध्यान देना । क्यूंकि बदलते हुए शरीर को जरुरत के हिसाब से कब क्या चाहिए यदि व्यक्ति को यह पता चल जाये तो व्यक्ति काफी हद तक खुद को विविध तरह की होने वाली बीमारियों एवं असमय होने वाली वृद्धावस्था से व्यक्ति बच सकता है। इस उम्र में पाचन की क्षमता में भी बदलाव होते हैं तो व्यक्ति को इन बातो का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

रक्तशुगर को नियंत्रित करें : यह सटीक विज्ञान तो नहीं है, लेकिन फिर भी दिन-प्रतिदिन बदलते हुए मूड, एनर्जी एवं नींद में होने वाले परिवर्तन इस बात का संकेत देते हैं कि आपका ब्लड शुगर आपके शरीर को प्रभावित करने लगा है। इस उम्र में आपके लिए शुगरफ्री आहार लेना अति आवश्यक हो जाता है ताकि रक्त किसी भी तरह से प्रभवित न हो एवं उचित तरह से शरीर में बनता रहे।

कैफीन के सेवन में कटौती: आजकल लोग अपनी बदलती हुई जीवनशैली में कई नई चीज़ो एवं खानपान के आदि हो जाते हैं उनमे से ही एक है कैफीन” या फिर कह लीजिये कॉफी। अपने खानपान की शैली को सुधारना अति आवश्यक हो जाता है यदि आपसे कहा जाए की आपको कॉफ़ी के सेवन में कटौती करनी चाहिए तो कई लोग ऐसा करने से घबरा जायेंगे परन्तु यही सही समय है जब आपको अपने खानपान पर पूर्णरूप से ध्यान देना चाहिए। अत्याधिक कैफीन के कारण अनिद्रा, एवं विविध परेशानी हो सकती है और जब आप इसका उपयोग जरुरत से ज्यादा करते हैं, तो आपका शरीर पूर्ण रूप से ईंधन बनाने में असफल हो जाता है जिसकी वजह से शरीर में थकावट एवं दर्द जैसी समस्याएं सामने आती है। तो ध्यान रखिये की नियंत्रित सेवन किसी भी चीज़ का आपको कितना स्वस्थ्य रख सकता है।

पेशेवर एवं अनुभवी आहार विषेशज्ञ की सलाह जरुरी : भारत में फिटनेस इंडस्ट्री ने अपने पैर बड़ी तेज़ी से बढ़ाये हैं और यह भारतीयों के लिए एक अच्छा अवसर है खुद को स्वस्थ्य एवं फिट रखने का परन्तु कहते हैं ना की कुछ लोग हर जगह सिर्फ अपना फायदा देखते हैं तो ऐसा ही कुछ पिछले गत्त वर्षो में देखा गया है की कुछ लोग इस इंडस्ट्री में सिर्फ व्यवसाय के लिए प्रवेश करते हैं एवं अपने मुनाफे और फायदे के लिए किस भी हद्द तक जा सकते हैं, परन्तु व्यक्ति विशेष को यहाँ अपनी सूझबूझ से काम लेना चाहिए। यदि किसी भी व्यक्ति की किसी भी तरह के खानपान या आहार प्रणाली सबंधी जानकारी लेनी हो तो उन्हें पेशेवर एवं अनुभवी आहार विषेशज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इंसटाफिटनेस लिंक) ऐसा करने से व्यक्ति किसी भी तरह अपने मेहनत से कमाए हुए पैसे एवं शरीर को होने वाली हानि से बचा सकता है।

कैल्शियम का सेवन बढ़ाए : उम्र के इस पड़ाव पर जो चीज़ आपका साथ देने वाली है वो है आपका शरीर तो अपने शरीर की जरूरतों पर आपको पूर्णरूप से ध्यान देना चाहिए। आपका शरीर में 206 हड्डियां होती हैं जिसके लिए कैल्शियम का सेवन उचित रूप से होना अति आवश्यक है तो आपको अपने कैल्शियम के सेवन पर न केवल ध्यान देना चाहिए बल्कि हड्डियों से संबंधित एवं सुझ गए व्यायामों को भी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए जिससे आपको जोड़ो से सम्बंधित शिकायत ना हो।

एंटीऑक्सीडेंट फ्रूट्स का सेवन : फलो का सेवन एवं कितना लाभकारी यह बताना शायद व्यर्थ ही होगा क्यूंकि इंसानी जिंदगी बिना फलो के सेवन के लगभग अधूरी है। और यदि बात की जाये एंटीऑक्सीडेंट फ्रूट्स की तो कोई जवाब ही नहीं क्यूंकि विटामिन A, C से भरे हुए फल आपको जवान बनाये रखने में काफी हद तक मदद करते हैं फिर वो चाहे आंतरिक रूप से हो या बाहरी रूप से इनका कोई मेल नहीं तो आपको अपनी जीवनशैली में फलों के सेवन को जरूर शामिल करना चाहिए।

पूरी नींद लें : युवावस्था में तो आप 4-5 घंटे सोकर भी अपनी नींद को पूरा कर लेते थे परन्तु इस उम्र की अवस्था में आपको शरीर को पूर्ण रूप से आराम देना चाहिए क्यूंकि आपके शरीर की अवस्था अब वो नहीं होती है जो उस युवावस्था में थी। इस बात का आपको ख़ास ध्यान रखना चाहिए की आपका शरीर इस उम्र में जो चाहता है आपको वो करना चाहिए शरीर के खिलाफ जायेंगे तो इसके दुष्परिणाम आपको भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए यह बहुत जरुरी है की कम से कम आप शरीर को 7-8 घंटे की पूर्ण रूप से नींद दें ताकि अगले दिन आपके शरीर में एक नयी शक्ति एवं ऊर्जा फिर से जन्म ले सके और आप खुद को तनाव रहित महसूस कर सकें।

मुस्कुराना सीखें : आप जीवन में आये हैं तो मुश्किलों एवं कठिनाईओं का सामना तो करना पड़ेगा आपको क्यूंकि यह जीवन चुनौतियों से परिपूर्ण है चाहे फिर वो खुद को बनाये रखने की हो या फिर खुद को स्वास्थ्य बनाये रखने की हो, इसका मतलब ये नहीं की अपनी चुनौतियों से डरकर एवं हारकर बैठ जाएं। आप जीवित है इस बात को सोचक र आगे बढ़ना चाहिए एवं मुस्कुराते हुए हर कठिनाई एवं चुनोतियो का सामना करना चाहिए फिर देखिएगा जीत आपकी होगी और आप मुस्कुराते हुए अपनी मंज़िल तक पहुंच जाएंगे।
उम्मीद करता हूँ आपको यह ब्लॉग अवश्य पसंद आया होगा।

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