किसी भी तरह के संतुिलत आहार का पालन करने से पहले उस आहार से होने वाले लाभ एवं हानि के बारे में जान लेना अति आवश्यक होता है। तो आइए आज हम बात करते है पिछले कुछ वर्ष में सबसे ज्यादा प्रचलित आहार योजना के बारे में, जिसे आजकल अनिरंतर(Fasting or Eating) या फिर साधारण भाषा में, “रुक-रुक”(Fasting) के किये जाने वाले आहार कहा जाता है।
परिचय :-
अनिरंतर आहार एक तरह का आहार(Eating) और अनाहार(उपवास)(Fasting) के बीच संतुिलत रूप से चलने वाला चक्र है। ये आहार योजना बाकि आहार योजना से इसिलए अलग है क्यूंकि इसमें क्या खाना है से ज्यादा कब खाना है ये महत्वपूर्ण है। इस आहार योजना को आजकल काफी ज्यादा लोग अपनी शरीर में संतुलन एवं स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए कर रहे है।ऐसा भी माना जाता हे कि इस आहार योजना के सुचारू रूप में प्रयोग करने से बढ़ते हुए वजन को भी काबू में किया जा सकता है। आहार एवं अनाहार के बीच चलने वाले इस चक्र को पालन करने से शारी-रक एवं मानिसक रोगो से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
इस सन्दर्भ में शोध से पता भी चला हे कि दिन में ३-४ बार खाने से अच्छा है की आप कुछ वक़्त के लिए अनाहार का
भी पालन करें स्वाभाविक रूप से शरीर के लिए बहुत अच्छा है।
कैसे करें :-
इस आहार अवं अनाहार प्रणाली में सबसे ज्यादा जरुरी है या तो आप कुछ ना खाएं या फिर बहुत ही कम मात्रा में खाएं। इस आहार अवं अनाहार प्रणाली में अलग-अलग नियम से आप प्रणाली को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं। आइये अब बात करते है इस आहार एवं अनाहार प्रणाली (Eating or Fasting) से होने वाले लाभ एवं हानियों के बारे में।
अनिरंतर आहार के लाभ :-
1) मानव संवृद्धि हार्मोन(Human growth Hormones):- ऐसा माना जाता हे कि इस आहार एवं अनाहार प्रणाली का
पालन करने के पश्चात हार्मोन में 5 गुणा तक वृद्धि हो जाती है। जोकि चर्बी को काफी हद्द तक कम करने में कारगर होती है।
2) इन्सुलिन (Insulin):- इस प्रणाली का पालन करने से इन्सुलिन की संवेदनशीलता काफी बढ़ जाती है और इन्सुलिन
प्रभावशाली तरीके से गिरता है।
3) कोशिकीय मरम्मत(Cellular repair):- ऐसा कहा जाता है कि जब आप अनाहार यानी उपवास पर होते है तो
कोशिकाएं खुद की मरम्मत करने में लग जाती हैं।
4) वजन कम करना(Weight lose):- ऐसा शोध में पता चला है कि उपवास प्रणाली सबसे ज्यादा वजन कम करने में कारगर साबित होती है। जिसमे लोगो ने न केवल अपने पेट की चर्बी बल्कि अपने कमर की बढ़ती हुई परिधि पर भी काबू किया है। इसी तरह उपवास आहार प्रणाली आपको उम्र रोधी, कैंसर, दिल से संबंधित बीमारियां एवं मानिसक रूप से होने वाली बीमारियों से भी बचाता है।
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आईये अब बात करते हे इस आहार एवं अनाहार योजना से होने वाले नुकसान के बारे मे।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस आहार प्रणाली से किसी भी तरह के नुक्सान नहीं हैं, हांलाकि ये कहा जा सकता है की इस प्रणाली को कुछ लोगो को नहीं अपनाना चाहिए। जैसे जैसे की गर्भवती महिलाओं को इस तरह के आहार एवं अनाहार दिनचर्या का पालन नहीं करना चाहिए। कुछ ऐसे भी लोग हैं जिनका वजन सामान्य से कम है उन लोगो को भी इस, दिनचर्या का पालन नहीं करना चाहिए। और अगर करे भी तो आहार विशेषज्ञ के सुझाव पर ही करे अन्यथा इस से बचे।
कुछ जरुरी बातें:-
याद रखे इस तरह के आहार दिनचर्या(Intermittent Diet) को पालन करने से एवं इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने से सामान्य तौर पर आपकी दिनचर्या पर प्रभाव निश्चित तौर पर पड़ेगा पर वो कुछ समय के लिए होगा। परन्तु जैसे ही आप इसके आदि हो जायेंगे तो ये सामान्य हो जायेगा। शुरुआती दिनों में आपको भूख लगने जैसी समस्या दिखाई दे सकती है परन्तु घबराएं नहीं, कुछ समय पश्चात ये सुचारू रूप से दिनचर्या में शामिल हो जायेगा।
प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न:-
1) क्या इस उपवास आहार प्रणाली में दूध पी सकते हैं ?
अवश्य आप पानी, कॉफी, चाय व गैर कैलोरी वाले द्रव ले सकते हैं।
2) क्या नाश्ता छोड़ना उचित रहता है?
हाँ, यदि आप इस उपवास प्रणाली का अच्छे से पालन करते हैं तो सुबह के नाश्ते के अलावा आपके पास पूरा दिन है जिसमे आप उचित आहार लेकर उसकी पूर्ति कर सकते हैं।
3) क्या मैं इस आहार प्रणाली के साथ अतिरिक्त पूरक(सप्लीमेंट) ले सकता हूँ?
हाँ, और याद रखिये, वसा में घुलनशील सप्लीमेंट और भी अच्छा विकल्प हैं।
4) क्या उपवास आहार प्रणाली मेरे उपापचय(मेटाबोलिज्म) को प्रभावित करती है?
हाँ, परन्तु यह उपवास आहार प्रणाली एक कुशल आहार विशेषज्ञ की देखरेख में की जाए तो प्रभाव और भी लाभकारी होंगे।